Tuesday, April 19, 2016

सेक्स की ये गलती कहीं आपको नपुसंक ना बना दे सेक्स मार्गदर्शन महत्व पूर्ण टॉपिक

हैप्पी लाइफ में आप सभी मित्रों का स्वागत है आज हम लाए हैं  नव युवकों के लिए सेक्स समस्याओं का समाधान यह समाधान आपके लिए बहुत अहम और बहुपयोगी हो सकते है


     




स्त्री को संभोग क्रिया में चरम सुख प्राप्त हुआ हो या नहीं लेकिन फिर भी वह गर्भधारण कर सकती है 
क्योंकि गर्भ के लिए डिंब के साथ शुक्राणुओं का मिलना भी जरूरी है। शारीरिक और मानसिक संतुष्टि से इसका किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है।  


 
भोजन करने और संभोग करने के बीच में कम से कम 2 घंटे का अंतर होना चाहिए क्य़ोंकि भोजन करने के बाद ज्यादातर खून और शक्ति भोजन को पचाने के लिए आमाशय की ओर चला जाता है इसलिए अगर भोजन करने के तुरंत बाद संभोग करने से इस खून और शक्ति को कामेन्द्रियों में आना होगा तो भोजन को पचाने की क्रिया ठीक तरह से नहीं हो पाएगी।





नहाते वक्त या कभी भी जरूरत से ज्याहदा ठंडा पानी सीधे लिंग पर मत डालें, इससे आपके लिंग के नीचे का भाग अचानक ठंडा पड़ सकता है और ऐसा होने पर वीर्य बनना बंद हो जाता है, इससे आप नपुंसकता के शिकार हो सकते हैं।       







प्यार को रोचक बनाने के लिए बहुत जरूरी है मानसिक रूप से स्वस्थ रहना, क्योंकि सेक्स सिर्फ तन से नहीं मन से भी होता है। आपकी नकारात्मक सोच से भी आपकी रोमांस लाइफ प्रभावित हो सकती है।       







   संभोग करते समय कमर के द्वारा संचालन के कारण अगर स्त्री को योनि में दर्द होता है तो यह नहीं सोचना चाहिए कि स्त्री का योनि मार्ग संकरा अर्थात तंग है बल्कि यह गर्भाशय तथा गर्भ के मुंह में किसी तरह के रोग होने का संकेत देता है।          








  जिन व्यक्तियों का वीर्य पतला और पानी जैसा होता है उनको वीर्य विकार का रोग होता है। ऐसे लोगों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बहुत कम होती है और शुक्राणु गतिशील अवस्था में भी नहीं होते। ऐसे व्यक्ति संतान पैदा करने में पूरी तरह सक्षम नहीं होते हैं।  







  
    संभोग के दौरान जोर-जबर्दस्तीन करने से या बेतरतीब हस्त -मैथुन करने से लिंग में फ्रैक्चरर हो सकता है। ऐसा होने पर आप नपुंसक हो सकते हैं। 








    
     पुरुष का वीर्य गाढ़ा या ज्यादा होना ही इस बात का सबूत नहीं है कि पुरुष बाप बनने के काबिल है या स्त्री को गर्भ ठहराने में सक्षम है। स्त्री को गर्भ ठहराने में सबसे अहम बात यह होती है कि पुरुष के वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या पूरी हो और वह बिल्कुल स्वस्थ और गतिशील अवस्था में हो।







शीघ्रपतन को बहुत से पुरुष अपनी बहुत बड़ी कमजोरी समझते है लेकिन यह कोई ऐसी कमजोरी नहीं है जिसको दूर न किया जा सके। शीघ्रपतन की चिकित्सा करवाने के साथ-साथ इससे ग्रस्त व्यक्ति को आत्मिक संयम तथा यौन विशेषज्ञ की सलाह लेना भी बहुत लाभ करता है।









संभोग क्रिया करने से पहले जब पुरुष का लिंग पूरी तरह उत्तेजित अवस्था में होता है तो उस समय लिंग के मूत्रमार्ग से द्रव की कुछ बूंदे निकलती हैं जिन्हें बहुत से लोग वीर्य समझ लेते हैं लेकिन यह वीर्य न होकर सिर्फ कुछ ग्रंथियों का रस होता है।






यदि आपका लिंग केले की तरह मुड़ा हुआ है, तो इसे हलके में मत लें। यह बीमारी के संकेत हैं। इससे आपको संभोग करने में परेशानी होती है। इस बीमारी का नाम पेयरोनी होता है।







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