हैप्पी लाइफ के कुछ फंडे
आज का टाइम बहुत पेचीदा और मुश्किल हो गया और हर व्यक्ति अपनी एक उलझन में फंसा हुआ है कोई पैसे के लिए परेशान है
कोई औलाद के लिए तो कोई जमीन के लिए पर जिंदगी का हिस्सा है
वह है हमारी सेहत अगर हमारे पास दौलत हो शोहरत हो और वह सब कुछ हो जो हमें चाहिए परंतु सेहत न हो तो हमारे लिए सब कुछ बेकार है
इसलिए दोस्तों हजार नेमत से बेहतर सेहत है
आप एक बात नोट करना शहर में रहने वाले लोगों से वह लोग ज्यादा खुश नजर आते हैं
जो गांव में रहते हैं क्योंकि वह प्राकृतिक के बहुत करीब रहते हैं जितना आप प्राकृतिक के करीब रहोगे उतना ही अच्छा फील करोगे
जिंदगी को इसकी डिटेल्स के साथ जीना सीखो और छोटी-छोटी खुशी को भी एंजॉय करना सीखो भोजन को खाते हुए उसकी सुगंध और स्वाद को महसूस करें
इससे हमें खाने की स्वादिष्ट का पता लगेगा और हमें खाने में भी खुशी प्राप्त होगी ऐसे ही अन्य कार्य हैं नहाना ट्रैवल वगैरह हे
क्योंकि हमारा मन हर वक्त कुछ नया चाहता है तो हमें अपने रोज के कार्य में ही कुछ नया करना चाहिए
अक्सर रोज हम ऑफिस में एक ही कार्य करते हैं तो बोर हो जाते हैं और वह कार्य हमें बोझ लगने लगता है
इसलिए अपनी परेशानी व कार्यों को दूसरों के साथ शेयर करना चाहिए जिससे काम तो कम नहीं होता पर उसका भार कम हो जाता है
जितनी दुनियावी चिजे जरूरी है वैसे ही खेल भी हमें स्वच्छ रखते हैं हमें अपनी लाइफ को के कुछ पल खेलने में भी व्यतीत करने चाहिए
किसी ने क्या खूब कहा है
(१)
वह भी क्या दिन थे
मां की गोद
और पापा के कंधे
ना पढ़ाई की सोच
ना लाइफ के फंडे
ना कल की चिंता
ना फ्यूचर के सपने
वह भी क्या दिन थे
मां की गोद
और पापा के कंधे
ना पढ़ाई की सोच
ना लाइफ के फंडे
ना कल की चिंता
ना फ्यूचर के सपने
और अब कल की फिक्र है
और अधूरे हैं सपने
मुड़ कर देखा तो
बहुत दूर है अपने
मंजिलो को ढूंढते
हम कहां खो गए
क्यों हम इतने बड़े हो गए
और अधूरे हैं सपने
मुड़ कर देखा तो
बहुत दूर है अपने
मंजिलो को ढूंढते
हम कहां खो गए
क्यों हम इतने बड़े हो गए
(२)
लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तकाजा है;
मेरे दिल का दर्द अभी ताजा-ताजा है;
गिर पड़ते हैं मेरे आंसू मेरे ही कागज पर;
लगता है कि कलम में स्याही का दर्द ज्यादा है!
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