युवाओं के गुप्त रोगों का इलाज
वीर्य वर्धक - अलसी का चूरण वरावर माञा मे मिश्री मिलाकर दो बार नियमित रूप से दूध के साथ कुछ हफ्ते तक पीने से वीयृ बढ़ता है
२ - पेशाब में जलन - सूखे अनार के छिलकों को सुखाकर पीस लें उसमें एक चम्मच चूर्ण ताजा पानी के साथ खाने से जलन एवं मुञ रोग दूर हो जाते हैं
३- अडंकोष वृद्धि - अगूंर के 5-6 पत्तों पर घी लगाकर तथा आग पर खुब गरम करके बांधने से अडंकोष (फोतो) की वृद्धि वृद्धि रुक जाती है तथा सामान्य में आकार में आ जाते हैं
४ बार-बार पेशाब आना- अंगूर खाने से बार-बार पेशाब जाने की आदत कम हो जाती है
५ धात का जाना - 5-6 आवंलो को पिसकर वीर्य नलिकाओं पर पर लगाने धात की बीमारी खत्म हो जाती है
६- नपुसकतां खत्म करने के लिए -- बेल के पत्ते का रस ले कर उसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर इसे ४० दिन लिगं पर लेप करने से नपुंसकता का रोग दूर हो जाता है
७------ सेक्स पावर बढ़ाने के लिए -- बबूल की गोंद को घी में भून कर उसका पकवान बना कर सेवन करने से मनुष्य की सेक्स करने की क्षमता बढ़ जाती है
८- अडंकोष के एक सिरे का बढना--- चने के बेसन को पानी और शहद में मिलाकर अंड कोष की सूजन पर लगाने से लाभ होता है
९---- शीघ्रपतन ----- २ छुआरे रोज खाने से शीघ्रपतन के रोग में लाभ मिलता है और जिन लोगों का वीर्य पतला हो जाता है वह गाढ़ा हो जाता है
१० ---- वीर्य का पतलापन --- १ मुट्ठी सिके हुए चने या भिगे हुए 5 बादाम
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